श्रम विभाजन और जाति प्रथा

Q. लेखक किस विडंबना की बात करते हैं? विडंबना का स्वरूप क्या है?

Ans- लेखक भीमराव अंबेडकर श्रम विभाजन और जाति प्रथा की विडम्बना की बात करते हैं। विडम्बना का स्वरूप अत्यंत व्यापक व घातक है।

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