वर्षाऋतु/Rainy season/Varsha ritu
वर्षा ऋतुओं की रानी है। संसार के बड़े-बड़े कवियों ने इस ऋतु की प्रशंसा की है तथा इसपर अच्छी-अच्छी कविताएं लिखी है। यह ऋतु संसार को जीवन देती है, प्यासों को पानी देती है और माँ की तरह मनुष्य का पालन -पोषण करती है। गर्मी के बाद वर्षा आती है। इसके प्रभाव से प्रकृति लहलहा उठती है। चारो ओर हरियाली छा जाती है। पक्षी अपनी मधुर आवाज से वन,उपवन की शोभा बढ़ाते हैं। मोर मस्त होकर नाचने लगते हैं। सारी प्रकृति नया रूप धारण कर नए जीवन का स्वागत करती है। ऐसा लगता है किसी ने पूरी धरती पर हरी चादर बिछा दी हो। आकाश काले मेघों से भर जाता है,बादल गरजते हैं,बिजली चमकती है व बूंदों के रूप में बारिश होती है। गाँव के किसान खुशी से झूम उठते हैं। वर्षाऋतु का जलरूपी वरदान पाकर सभी जीव आनंद का अनुभव करते हैं। वर्षा न हो तो चारो तरफ हाहाकार मच जाएगा। अन्न की उपज न होगी,जल उपलब्ध न हो सकेगा। इस प्रकार जीवों के अस्तित्व पर संकट आ जायेगा। वर्षा कभी जीव...
Comments
Post a Comment
plz comment....